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Savitribai Phule Jayanti 2024 | सावित्रीबाई फुले कौन थी? सावित्रीबाई फुले जयंती कब और क्यों मनाई जाता है? जानें (कहानी, शिक्षा, उपलब्धियां, इतिहास )


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Savitribai Phule Birth Anniversary 2024: सावित्रीबाई फुले का जन्म 03 जनवरी सन 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थ‍ित नायगांव नामक छोटे से गांव में हुआ था। महज 9 साल की उम्र में पूना के रहने वाले ज्योतिबा फुले उनकी शादी हो गई। इस समय ज्योतिबा फुले भी महज 13 साल के थे।



Savitribai Phule Jayanti:-

जन्म तिथि:-3 जनवरी सन् 1831 ई० को

जन्म स्थान:- महाराष्ट्र के सतारा जिले के नयागांव में

पूरा नाम:- सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले

पिता का नाम:- खन्दोजी नैवेसे

माता का नाम:- लक्ष्मीबाई

पति का नाम:- ज्योतिराव गोविंदराव फुले

मृत्यु:- 10 मार्च सन् 1897 ई० को ।




Savitribai Phule Jayanti: ऐसा कौन सा काम है जो नारी कर नहीं सकती? हम सभी लोगों को मालूम है कि भारत में नारी शक्ति तेजी के साथ सफलता के शिखर पहुंच रही हैं। आज भारत का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं हैं, जहां पर महिलाओं का बोलबाला ना हो लेकिन एक समय ऐसा भी था, जहां पर लोगों की मूल धारणा थी कि महिलाएं केवल घर में ही काम कर सकती हैं, बाहर उनके लिए काम कर पाना संभव नहीं हैं। परंतु उस जमाने में सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) ने समाज के इस विचारधारा को चुनौती दी थी और उन्होंने पहली महिला शिक्षिका के तौर पर काम कर प्रमाणित किया कि महिलाएं पुरुषों से किसी मामले में काम नहीं हैं। सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) का समाज के विकास में अहम योगदान था। इसलिए प्रत्येक साल 3 जनवरी को सावित्रीबाई फुले जयंती के रूप में मनाया जाता हैं। आज के इस आर्टिकल में Savitribai Phule Jayanti Kab Hai? सावित्रीबाई फुले का जीवन परिचय (Savitribai Phule Biography in Hindi) सावित्रीबाई फुले की शिक्षा (Savitribai Phule Education), इतिहास जैसी जानकारी आपसे साझा करेंगे चलिए जानते हैं:-



सावित्रीबाई फुले कौन थी(Who Was Savitri Bai Phule):-


सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका और एक समाज सुधारक थीं जो महिलाओं और निचली जाति के लिए काम करने के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने 19वीं शताब्दी में पुणे (महाराष्ट्र) के समाज में प्रचलित दमनकारी सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई। उनका योगदान तर्कसंगतता, सत्य, समानता और मानवता जैसे मानवीय कारणों के इर्द-गिर्द घूमता रहा। सावित्रीबाई फुले अपने समय से आगे की एक अनुकरणीय समाज सुधारक और महिला अधिकार कार्यकर्ता थीं। उन्होंने नारी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया था इसके लिए उन्होंने नारी आंदोलन का भी संचालन किया था ताकि समाज में लोगों की विचारधारा बदला जा सके |



सावित्रीबाई फुले जयंती (Savitri Bai Phule Jyanti):-



Savitribai Phule Jayanti:- देश की पहली महिला शिक्षक (First Female Teacher और समाजसेवी (Social Activist) सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) जन्म 3 जनवरी को हुआ था। सावित्रीबाई फुले महाराष्ट्र (Maharashtra) के सातारा जिले के नायगांव में 3 जनवरी 1831 को जन्मी थी। Savitribai Phule के जन्मदिवस को जायंती के रूप में पूरी देश में मनाया जाता है। सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका थी। वहीं वे भारत की सबसे पहली बालिका विद्यालय की प्रिंसिपल भी थी।


सावित्रीबाई फुले द्वारा सबसे पहले किसान स्कूल (First Farmer School) की स्थापना की गई थी। मात्र 9 साल की उम्र में Savitribai Phule की शादी हो गई थी। वही जब सावित्रीबाई फुले की शादी हुई थी। उनके पति यानी कि ज्योतिराव फुले (Jyotirao Phule) की उम्र 13 साल थी। जब सावित्रीबाई फुले की शादी हुई थी तो उन्हें पढ़ना लिखना नहीं आता था और उनकी पति ज्योतिराव फुले कक्षा तीसरी में पढ़ाई करते थे। सावित्रीबाई फुले का बचपन से ही पढ़ने लिखने का सपना था पर वह दलित परिवार (Dalit Family) से वास्तां रखती थी औऱ उस समय दलित परिवारों के साथ बहुत भेदभाव भी किया जाता था। वहीं एक बार सावित्रीबाई फुले के पति ने उनके हाथों में अंग्रेजी की किताब देख ली थी तो उनके पिता ने वह किताब उनके हाथ से लेकर फेंक दी थी।


सावित्रीबाई फुले जयंती कब है? (Savitribai Phule Jayanti Kab Hai):-


सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षक थी। उनका जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। Savitribai Phule ने अपना पूरा जीवन लड़कियों को पढ़ाने और समाज को ऊपर उठाने में लगा दिया। सावित्रीबाई फुले का जन्म एक दलित परिवार में हुआ था। सावित्रीबाई फुले ने ब्रिटिश शासन (British Government) के दौरान भारत की महिलाओं के अधिकारों में सुधार लाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मात्र 17 साल की उम्र में ही सावित्रीबाई ने लड़कियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया था।



सावित्रीबाई फुले ने उस दौर में लड़कियों के लिए स्कूल खोला था जब बालिकाओं को पढ़ने लिखने से रोका जाता था क्योंकि उनकी पढ़ाई लिखाई को सही नहीं माना जाता था। लेकिन अपनी लगन और परिश्रम के बलबूते पर सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों के लिए 18 स्कूल खोलें थे। वही साल 1848 में Savitribai Phule ने Maharashtra के पुणे में देश का सबसे पहले बालिका स्कूल की स्थापना की थी। Savitribai Phule ना सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया बल्कि उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी अपनी आवाज़ उठाई थी। सावित्रीबाई फुले ने सती प्रथा, बाल विवाह, विधवा विवाह निषेध के खिलाफ आवाज उठाई और जीवन भर वह इन्हीं कुरीतियों के खिलाफ लड़ती रही। सावित्रीबाई के इसी योग्यदान को देखते हुए भारत में हर साल 3 जनवरी के दिन उनकी जयंती मनाई जाती है। गौरतलब है कि 10 मार्च 1987 को सावित्रीबाई ने अपनी आखिरी सांस ली। 



सावित्रीबाई फुले का जीवन परिचय | Life introduction of Savitribai Phule


Savitribai Phule Biography in Hindi:- भारत की प्रथम महिला शिक्षक (India’s First Female Teacher), समाज सुधारक और मराठी कवित्री थी। इनका जन्म नायगांव (महाराष्ट्र) में 3 जनवरी 1831 को हुआ था। उनका पूरा नाम सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले (Jyotirao Phule) था। इनके पिता का नाम खानदोजी नेवसे और मां का नाम लक्ष्मी था। Savitribai Phule के माता-पिता माली का काम किया करते थे और वह घर की सबसे बड़ी बेटी थी। जब सावित्रीबाई की शादी हुई थी तब वह अनपढ़ थी। 9 साल की उम्र में उनकी शादी ज्योति राव फुले के साथ हो गई थी। Savitribai Phule के पति ज्योति राव ने उन्हें शिक्षित किया था। ज्योति राव के साथ सावित्रीबाई ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की थी। सावित्रीबाई फुले की आगे की पढ़ाई उनके दोस्तों सखाराम यशवंत और केशव शिवराम भावलकर की थी।


सावित्रीबाई ने खुद को दो शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों (Teacher Training Programs) के लिए नामांकित (Nominate) किया था। जिसमें पहला अहमदनगर (Ahmednagar) में एक अमेरिकी मिशनरी सिंथिया फरार (American Missionary Cynthia Farrar) द्वारा संचालित संस्थान द्वारा संचालित संस्थान था। वहीं दूसरा कोर्स पुणे के एक नॉर्मल स्कूल में था। उनके प्रशिक्षण को देखते हुए ही सावित्रीबाई को पहली भारतीय महिला शिक्षक प्रधानाध्यापक (First Indian Woman teacher Headmaster) बनी।


सावित्रीबाई फुले पति नाम(Savitribai Phule Husband):


सावित्रीबाई फुले पति का नाम ज्योतिराव फुले जो एक मशहूर समाज सुधारक थे। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर नारी शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया था। उनके द्वारा कई प्रकार की महत्वपूर्ण किताबें भी लिखी गई थी | ज्योति राव फुले को “महात्मा ज्योतिबा फुले” नाम से संबोधित किया जाता है ज्योति राव फुले को महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही थी |



सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) के जन्मदिन के अवसर पर उनकी जयंती पूरे महाराष्ट्र में बालिका दिवस (Balika Diwas) के रूप में मनाई जाती है और यह खासकर बालिका विद्यालय (Girls School) में मनाई जाती है। 2015 में पुणे विश्वविद्यालय (Pune University) का नाम सावित्रीबाई फूले के सम्मान में बदलकर सावित्रीबाई फूले पुणे यूनिवर्सिटी (Savitribai Phule Pune University) कर दिया गया। वहीं 10 मार्च 1998 को सावित्रीबाई फुले के सम्मान में इंडिया पोस्ट (India Post) द्वारा एक डाक टिकट भी जारी किया गया था। 2017 में 3 जनवरी को गूगल (Google) ने सावित्रीबाई फुले की जन्म की 186 वी वर्षगांठ को गूगल डूडल (Google Doodle) के साथ उन्हें सम्मानित किया था।


बीआर अंबेडकर, अन्नाभाऊ साठे और सावित्रीबाई फुले विशेष रूप से पिछड़े वर्गों (Backward Classes) के लिए एक आइकन बन चुके हैं। 2018 में सावित्रीबाई फुले के ऊपर एक कन्नड बायोपिक फिल्म बनाई गई। सावित्रीबाई फुले प्लेग (Plague) महामारी के मरीजों की सेवा करती थी। Plague की छूत से प्रभावित बच्चों की सेवा करने के चलते उन्हें भी Plague हो गया था, जिसके कारण 10 मार्च 1897 को उनकी मृत्यु हो गई।



सावित्रीबाई फुले की शिक्षा (Education of Savitribai Phule):-


Savitribai Phule शादी के वक्त पढ़े-लिखे नहीं थी। Savitribai Phule के पति ज्योति राव फुले ने उनकी प्राथमिक शिक्षा पूरी करवाई। वही अपनी शिक्षक की शिक्षा पूरी करने के बाद Savitribai Phule ने Pune के मारवाड़ा में लड़कियों को पढ़ाना शुरू किया। Savitribai Phule ने सगुनाबाई के साथ मिलकर लड़कियों को पढ़ाने का कार्य शुरू किया। सगुनाबाई एक क्रांतिकारी नारीवादी थी, जोकि ज्योति राव की गुरु भी थी।


सगुनाबाई सावित्रीबाई और ज्योतिराव फुले ने मिलकर पढ़ाने की शुरुआत की। लंबे समय तक पढ़ाने के बाद उन्होंने भिडे वाड़ा में अपना खुद का स्कूल शुरू किया। भिडे वाड़ा तात्यासाहेब भिड़े का घर था जो उस काम से प्रेरित थे। भिडे वाड़ा के पाठ्यक्रम में विज्ञान, सामाजिक अध्ययन गणित के पारंपरिक पश्चिमी पाठ्यक्रम शामिल थे। साल 1851 के आखिर तक Jyotirao Phule और सावित्रीबाई पुणे में लड़कियों के लिए तीन अलग-अलग स्कूल चला रहे थे। गौरतलब है कि इन तीनों स्कूल में लगभग 150 छात्राओं का नामांकन था। बता दें कि Savitribai Phule ने अपनी शिक्षा और देश में बालिकाओं की शिक्षा का अलख जगाने के लिए काफी संघर्ष किया है।




देश की पहली अध्यपिका के रूप में उपलब्धियां 

Savitribai Phule और उनके पति ज्योति राव फुले का मानना था कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे महिलाओं और दबे कुचले वर्ग को सशक्त बनाया जा सकता है समाज के अन्य वर्गों के साथ यह बराबरी से शिक्षा के जरिए ही खड़े हो सकते हैं।


महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले (Mahatma Jyotirao Phule and Savitribai Phule) एक असाधारण से युगल के रूप में पूरे भारत में प्रख्यात है। इस दांपत्य युगल ने पुरुष और महिलाओं के बीच समानता और सामाजिक न्याय के लिए एक आंदोलन का भी निर्माण किया था जिसके लिए उन्होंने अवैध पूर्ण संघर्ष किया था।


Savitribai Phule और Mahatma Jyotirao Phule ने मिलकर 71854 से 55 में भारत में साक्षरता मिशन (Literacy Mission) की शुरुआत की थी।

ज्योतिराव फुले ने अपने पति के साथ मिलकर सत्यशोधक समाज (truth seeker society) की शुरुआत की जिसके जरिए वह विधवा विवाह प्रथा शुरू करना चाहते थे जिसमें कोई Dowry नहीं लिया जाता था।


वही Savitribai Phule का उद्देश्य समाज में विधवा विवाह (Widow Marriage) कराना महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं (dalit women) को शिक्षित बनाना और untouchability को मिटाना था।


Savitribai Phule Achievements (सावित्रीबाई फुले उपलब्धियाँ)


Savitribai Phule को Modern India में एक ऐसी महिला के रूप में भी श्रेय दिया जाता है जहां उन्होंने ऐसे समय में महिलाओं के लिrए आवाज उठाई जब उन्हें दबाया जा रहा था और उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया था।

Savitribai Phule ने देश के पहले किसान स्कूल की भी स्थापना की थी वही 1852 में उन्होंने दलित बालिकाओं (dalit girls) के लिए एक स्कूल की शुरुआत की थी।

Savitribai Phule ने कन्या शिशु हत्या (Female Infanticide) को रोकने के लिए एक प्रभावी पहल की शुरुआत की थी जिसके लिए उन्होंने ना सिर्फ अभियान चलाया बल्कि नवजात कन्या शिशु के लिए आश्रम (New Born Girl Child Shelter) भी खोला जहां उनकी रक्षा की जा सके।



सावित्रीबाई फुले का इतिहास (Savitribai Phule Hostory):-


सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव गाँव के एक माली परिवार में हुआ था। माली लोग बड़े पैमाने पर कृषि श्रमिकों की जाति से संबंधित थे जिन्हें भारत सरकार द्वारा अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है । ओबीसी एक ऐसी जाति का वर्णन करता है जो सामाजिक या शैक्षिक रूप से वंचित होने के लिए निर्धारित है। 10 साल की उम्र में, सावित्रीबाई फुले का विवाह ज्योतिराव फुले से हुआ , जिनका जन्म 11 अप्रैल 1827 को हुआ था। उनकी शादी के समय, वह तेरह वर्ष के थे। सावित्रीबाई और जोतीराव की अपनी कोई संतान नहीं थी, लेकिन उन्होंनेएक ब्राह्मण विधवा से पैदा हुए बेटे यशवंतराव को गोद लिया था। सावित्रीबाई फुले ने अपना पूरा जीवन नारी शिक्षा को समर्पित कर दिया था। उन्होंने समाज में नारी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रकार के उल्लेखनीय काम किए थे भारत की पहली महिला शिका होने का गौरव सावित्रीबाई फुले को प्राप्त है।



निष्कर्ष(Conclusion):


उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया है सावित्रीबाई फुले जयंती आर्टिकल आपको पसंद आएगा आर्टिकल के संबंध अगर कोई भी आपका सुझाव या प्रश्न है तो आप कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में:-



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FAQ’s -Savitribai Phule Jayantri

Q. सावित्रीबाई फुले का जन्म कब हुआ था?

Ans. 3 जनवरी को सावित्रीबाई फुले का जन्म हुआ था।


Q. सावित्रीबाई फुले का जन्म कहा हुआ था?

Ans. महाराष्ट्र के सातारा जिले के नायगांव में सावित्रीबाई फुले का जन्म हुआ था।


Q. सावित्रीबाई फुले की शादी कब हुई थी?

Ans. सावित्रीबाई फुले की शादी नौ साल की उम्र में हो गई थी।


Q. सावित्रीबाई फुले के पति का नाम क्या था?

Ans. महात्मा ज्योति राव फुले सावित्रीबाई फुले के पति का नाम था।


Q. सावित्रीबाई फुले का की मृत्यु कब हुई?

Ans. 10 मार्च 1897 में सावित्रीबाई फुले की मृत्यु हुई थी।


Q. सावित्रीबाई फुले कि मृत्यु का कारण क्या था?

Ans. प्लेग रोग के कारण सावित्रीबाई फुले की मृत्यु हुई थी।


Q. भारत की पहली महिला शिक्षक कौन है?

Ans. भारत की पहली महिला शिक्षक का नाम सावित्रीबाई फुले हैं। महाराष्ट्र की एक भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद् और समाज सेवक थे उन्होंने लड़कियों के शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया था।


Q. सावित्रीबाई फुले का जन्म कब और कहां हुआ था?

Ans. सावित्रीबाई फुले का 3 जनवरी 1831, नायगाँव महाराष्ट्र में हुआ था।


Q. सावित्रीबाई फुले की जाति क्या है?

Ans. सावित्रीबाई फुले की जाति दलित हैं। 


Q. सावित्रीबाई फुले के पति का क्या नाम है?

Ans. सावित्रीबाई फुले के पति का नाम ज्योतिराव फुले हैं। 


Q. सावित्रीबाई का विवाह किस उम्र में हुआ था? 

Ans. सावित्रीबाई फुले का विवाह 9 साल की उम्र में हुआ था। 



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