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करवा चौथ व्रत आज है, पूजन विधि, सामग्री, कथा कहानी पूजा 2023 |Karwa Chauth kab hai, Vrat Katha, Puja Vidhi?



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करवा चौथ: करवा चौथ व्रत स्त्रियो का महत्वपूर्ण त्योहार है। यह व्रत सुहागन महिलाये अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती है। करवा चौथ का व्रत कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सुहागन स्त्रियो द्वारा मनाया जाता है। यह व्रत हर विवाहित महिला अपने रिवाजो के अनुसार रखती है और अपने जीवन साथी की अच्छी सेहत तथा अच्छी उम्र की प्रार्थना भगवान से करती है। आज कल यह व्रत कुवारी लडकिया भी अच्छे पति की प्राप्ति के लिए रखती है।


करवा चौथ व्रत का दिन व शुभ मुहूर्त कब है (Karva Chauth Date Shubh Muhurat):


2023 मे करवा चौथ का दिन, तारीख तथा मुहूर्त (Karwa Chauth Vrat): इस साल 2023 मे करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर के दिन मनाया जा रहा हैं। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त 05:44pm से 07:02pm तक कुल 1 घंटा 18 मिनिट का है।


करवा चौथ के दिन चाँद निकलने का समय शाम 8:05 का है।



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करवा चौथ व्रत की पूजा विधि (Karva Chauth Vrat Pooja Vidhi) :


करवा चौथ व्रत की पूजा को करते वक़्त एक पीड़ा पर जल से भरा लोटा एवं एक टोंटी लगी धातु मे गेहु भरकर रखते है। इस दिन पूजन के लिए दीवार पर या कागज पर चंद्रमा तथा उसके नीचे भगवान शिव और कार्तिकेय की प्रतिमा छापी जाती है और इसी प्रतिमा की पूजा स्त्रियो द्वारा की जाती है। इस दिन महिलाये सारा दिन व्रत रखती है, यहा तक की वे जल और फल भी ग्रहण नहीं करती हैं । महिलाएं दिन भर की कठोर तपस्या के बाद जब रात्री मे चंद्रमा के दर्शन होते है, तब चंद्रमा की पूजा के बाद यह व्रत पूर्ण होता है। करवा चौथ व्रत मे रात्री की पूजा मे चंद्रमा को अर्द्ध देना, महत्वपूर्ण है। हर वो स्त्री जो व्रत रखती है वो चंद्रमा को अर्द्ध जरूर देती है और तभी व्रत पूर्ण होता है। अब अपने व्रत को पूर्ण करके स्त्रिया रात्री मे जल तथा भोजन गृहण करती है।


जब कोई स्त्री एक बार इस व्रत को करना प्रारंभ कर देती है, तो उसे यह व्रत जीवन पर्यंत करना पड़ता हैहै। इसलिए यह जरूरी नहीं है ,कि हर उम्र मे निर्जला रहकर ही यह व्रत किया जाए। एक बार जब सुहागन महिला इस व्रत का उजन कर देती है, तो वह अपनी सुविधा अनुसार व्रत के समय फल, जल और अन्य चीजे ग्रहण कर सकती है।


कुछ इसी तरह से हरतालिका तीज का व्रत भी निर्जला रहा जाता है।


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करवा चौथ व्रत की कथा या कहानी (Karva Chauth vrat katha):


जब भी कोई स्त्री करवा चौथ का व्रत करती है, तो वह व्रत के दौरान कथा सुनती है। व्रत के दौरान कथा सुनने की यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस व्रत की कथा या कहानी जो कि सुहागन स्त्रियो के द्वारा सुनी जाती है वह इस प्रकार है।


एक नगर मे एक साहूकार रहता था। उसके सात लड़के और एक लड़की थी। कार्तिक महीने मे जब कृष्ण पक्ष की चतुर्थी आई, तो साहूकार के परिवार की महिलाओ ने भी करवा चौथ व्रत रखा था । जब रात्री के समय साहूकार के बेटे भोजन ग्रहण करने बैठे, तो उन्होने साहूकार की बेटी (अपनी बहन) को भी साथ मे भोजन करने के लिए कहा, भाइयो के द्वारा भोजन करने का कहने पर उनकी बहन ने उत्तर दिया,  कि आज मेरा व्रत है। मै चाँद के निकलने पर पूजा विधि सम्पन्न करके ही भोजन करूंगी। भाइयो के द्वारा बहन का भूख के कारण मुर्झाया हुआ चेहरा देखा नहीं गया। उन्होने अपनी बहन को भोजन कराने के लिए कई प्रयास किया, उन्होने घर के बाहर जाकर आग जला दी।



करवा चौथ व्रत उद्यापन विधि (Karwa Chauth Vrat Udyapan Vidhi) :


जब किसी महिला को करवा चौथ व्रत (Karwa Chauth ) को करते हुये काफी समय हो जाता है, तो वह अपनी इच्छा अनुसार अपने व्रत का उद्यापन(हवन और पूजन) कर सकती है। करवा चौथ व्रत की उद्यापन विधि के लिए महिलाये अपने घर से पूड़ी तथा हलवा बनाती है। अब इन पुड़ियो को एक थाली मे चार-चार के ढेर मे तेरह जगह रखते है. अब इन पुड़ियो पर थोड़ा-थोड़ा हलवा रखते है। अब इसके उप्पर साडी ब्लाउस अपनी इच्छा अनुसार रूपये रखकर तथा उसके आसपास कुमकुम चावल लगाते है। अब इसे अपनी सासु माँ के चरण स्पर्श कराकर उन्हे देते है। अब इन सब के बाद तेरह ब्राह्मणो को भोजन कराते है और उनका पूजन करके तथा दक्षिणा देकर बिदा करते है।


कुछ स्त्रीया इस दिन उद्यापन के लिए अन्य सुहागन स्त्रियो को भोजन भी कराति है। इसके लिए जो भी स्त्रिया करवा चौथ का व्रत करती है, उन्हे उद्यापन की सुपारी उद्यापन करने वाली महिला द्वारा पहले ही दे दी जाती है। करवा चौथ व्रत वाले दिन सारी महिलाये अपनी पूजा कर उद्यापन वाली महिला के घर जाकर अपना भोजन करती है। भोजन के बाद इन सभी महिलाओ को बिंदी लगाकर और सुहाग की सामग्री देकर बिदा किया जाता है। इस प्रकार करवा चौथ व्रत संपन्न होती है।



करवा चौथ पर महिलाओ द्वारा किया गया श्रंगार (Karva Chauth Makeup):


वैसे तो हिंदुस्तान मे हर त्योहार पर महिलाओ का श्रंगार स्वाभाविक है। परंतु जब बात करवा चौथ की आती है, तो स्त्रियो का उत्साह ही अलग होता है। इस दिन महिलाएं पूरे सोरह श्रंगार करती है। बल्कि इस दिन के लिए सजने की तैयारी कई दिनो पहले से ही शुरू कर दी जाती है। महिलाये पार्लर जाती है मेहंदी लगवाती है और व्रत वाले दिन विशेष कपड़े पहनती है, गहने पहनती है। गहनों मे सबसे खास चीज होती है स्त्री द्वारा पहनी गयी नथ। नथ के पहनने से स्त्री की सुंदरता और भी बढ़ जाती है और उसकी सुंदरता मे चार चाँद लग जाते है। जिससे वह सुंदर लगने लगती हैं।



FAQ

Q : करवा चौथ 2023 में कब है?

Ans : 1 नवंबर को अर्थात कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष को ।

Q : करवा चौथ में किसकी पूजा की जाती है?

Ans : दिन में भगवान शिव एवं माता पार्वती की और रात में चाँद की।

Q : करवा चौथ का व्रत कैसे करते हैं?

Ans : सूर्योदय से पहले स्नान करके सरगी खाई जाती है और फिर दिनभर अन्न और जल कुछ नहीं लेते हैं। रात को चाँद देखने के बाद व्रत खोलते हैं।

Q : करवा चौथ का व्रत क्यों किया जाता है?

Ans : महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए।



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