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रेलवे पुलिस बल (RPF) का स्थापना दिवस 2023

 रेलवे पुलिस बल (RPF) का स्थापना दिवस 2023



रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने अपना 39वां स्थापना दिवस 20 सितंबर 2023 को जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी, लखनऊ में केंद्रीय स्तर पर पहली बार परेड आयोजित कर मनाया। यह पहली बार हुआ है जब नई दिल्ली से बाहर आरपीएफ की राष्ट्रीय स्तर की परेड का आयोजन किया गया। लखनऊ स्थित जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी, जो कि आरपीएफ का केंद्रीकृत प्रशिक्षण संस्थान है और सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से भर्ती किए गए रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों का अल्मा मेटर है, में परेड स्थल का चयन किया जाना उल्लेखनीय महत्व रखता है।  




रेलवे पुलिस बल दिवस(Railway Police Force Day )2023:


रेल राज्य मंत्री ने 23 आरपीएफ कर्मियों को 'विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक', सराहनीय सेवा के लिए भारतीय पुलिस पदक', 'सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक', 'उत्तम जीवन रक्षा पदक' और 'जीवन रक्षा पदक' प्रदान किए। इसके तहत आरपीएफ एनसीआर के हेड कांस्टेबल स्वर्गीय श्री ज्ञान चंद को भी मरणोपरांत सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया जिन्होंने आत्महत्या करने के इरादे से चलती ट्रेन के सामने कूदने वाली एक महिला को बचाते हुए कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।



श्रीमती जरदोश ने 3 करोड़ रुपये की लागत से आरपीएफ कर्मियों के पारिवारिक सदस्यों, विशेषकर महिलाओं के कौशल के उन्नयन के लिए तीसरी बटालियन आरपीएसएफ, लखनऊ के परिसर में एक कौशल उन्नयन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने देश भर में 75 स्थानों पर महिला आरपीएफ ट्रेन अनुरक्षण कर्मियों के लिए विश्राम आश्रय सह जुटाव हॉल के निर्माण की घोषणा की।


 

रेलवे पुलिस बल के महानिदेशक(Director General of Railway Police Force) -


आरपीएफ के महानिदेशक श्री संजय चंदर ने रेल राज्य मंत्री का स्वागत किया और यात्रियों की सुरक्षित ट्रेन यात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल द्वारा की गई विभिन्न नई पहलों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आरपीएफ अपने कामकाज के विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है, ताकि श्रमबल का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। जरूरतमंद यात्रियों, बुजुर्गों और बच्चों को सहायता प्रदान करने में रेलवे सुरक्षा बल सबसे आगे रहा है। रेलगाड़ियों और रेलवे स्टेशनों पर मानव तस्करी; नशीले पदार्थों, हवाला मनी, प्रतिबंधित वन्य जीवों की ढुलाई और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने में आरपीएफ की निरंतर सराहनीय भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हम अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं, जो वर्ष 2047 तक जारी रहेगा, जिस दौरान हमें भारत को उस गौरव के शिखर पर ले जाने के लिए पूरी लगन से काम करना होगा, जिसकी वह हकदार है। विजन 2047 इस तरह के उदात्त आदर्श की दिशा में रोडमैप है। उन्होंने रेलवे सुरक्षा बल के विजन 2047 का उल्लेख किया जिसमें रेलवे सुरक्षा बल की त्‍वरित कार्रवाई, पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी का उपयोग, संसाधन का इष्टतम उपयोग शामिल होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि रेलवे सुरक्षा बल का लक्ष्य सेवा ही संकल्प है और कांस्टेबल से लेकर डीजी तक रेलवे सुरक्षा बल के सभी सदस्यों को अपनी सेवा प्रतिबद्धता को मजबूत करने की दिशा में काम करना होगा।


रेलवे सुरक्षा बल(RPF) की स्थापना(Establishment of Railway Protection Force (RPF):


रेलवे की संपत्ति को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 1957 में संसद में पारित एक अधिनियम के जरिए रेलवे सुरक्षा बल का गठन किया गया था। इसके बाद वर्ष 1966 में रेलवे सुरक्षा बल को रेलवे की संपत्ति के अवैध कब्जे में शामिल अपराधियों से पूछताछ, गिरफ्तारी और उन पर मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया था। कई वर्षों से यह महसूस किया जा रहा था कि रेलवे सुरक्षा बल को "संघ के एक सशस्त्र बल" का दर्जा देने की आवश्यकता है और अंत में संसद द्वारा आरपीएफ अधिनियम में संशोधन करके 20 सितंबर 1985 को रेलवे सुरक्षा बल को यह दर्जा दिया गया। इसलिए रेलवे सुरक्षा बल के सदस्यों और उनके परिवारों द्वारा हर साल 20 सितंबर को आरपीएफ के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।



महत्वपूर्ण तथ्य


आरपीएफ स्थापना दिवस हर साल 20 सितंबर को मनाया जाता है, जिस दिन रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को संघ के सशस्त्र बल के रूप में पदोन्नत किया गया था।



वर्ष 1985 में रेलवे पुलिस बल को केंद्रीय सशस्त्र बल में शामिल किया गया था। 


1965 में इसका नाम बदलकर "रेलवे सुरक्षा विशेष बल" कर दिया गया।


1966 में आरपीएफ को रेलवे संपत्ति ( गैरकानूनी अधिकार) अधिनियम बनाकर रेलवे संपत्ति के बेहतर संरक्षण के लिए कानूनी अधिकार दिए गए हैं।


यह आरपीएफ का 39वां स्थापना दिवस है।


रेलवे संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ को सौंपी गई है।


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