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विश्व मूक बधिर दिवस, इतिहास, महत्व, थीम और ...

 विश्व मूक बधिर दिवस, इतिहास, महत्व, थीम और ...


विश्व मूक बधिर दिवस(world deaf and dumb day): 


प्रत्येक वर्ष 26 सितम्बर को विश्व मूक बधिर दिवस मनाया जाता है, लेकिन वर्तमान में विश्व मूक बधिर सप्ताह के रूप में अधिक माना जाता है। यह सितम्बर के अंतिम सप्ताह में मनाया जाता है। विश्व बधिर संघ (WFD) ने सन् 1958 से "विश्व बधिर दिवस" की शुरुआत किया गया था। इस दिन बधिरों के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक अधिकारों के प्रति लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के साथ-साथ समाज और देश में उनकी उपयोगिता के बारे में भी बताया जाता है।


विश्व मूक बधिर का इतिहास(History of World Deaf and Mute):


विश्व की कुल जनसंख्या लगभग 7 अरब है जिसमें बधिर और मूक लोगों की आबादी लगभग 70 लाख है । भारत में 13 लाख मुख बधिर पाए जाते हैं। कुल मूक बधिर की संख्या विकासशील देशों में 80% तक है जो की बहुत ही चिंताजनक है। अगर मरीजों और डॉक्टरों के अनुपात की बात की जाए तो जहां अमेरिका में 160 मरीज के पीछे एक डॉक्टर ब्रिटेन में 500 मरीजों के पीछे एक डॉक्टर मौजूद हैं, तो वहीं भारत में 1.25 लाख मरीजों के पीछे सिर्फ एक डॉक्टर का मौजूद होना काफी चिंताजनक है।


अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस दिन मूक बधीर लोगों को सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक अधिकारों के प्रति जागरुकता लाने के लिए कई प्रकार की जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा मूक बधिर लोगों के उत्थान एवं कल्याण के लिए योजनाओं की घोषणा की जाती है और उन्हें तमाम प्रकार के उपकरणों के माध्यम से समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया जाता है। 


विश्व मूक बधिर दिवस का महत्व(Importance of World Deaf Day):


बधिर दिवस का उद्देश्य जो की अब एक साप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा है, कि बधिरों में स्वस्थ जीवन, स्वाभिमान, गरिमा इत्यादि भावनाओं को बाल मिल सकता हैं। विश्व बधिर का उद्देश्य साधारण जनता और सबन्धित सत्ता का बधिरों की क्षमता, उपलब्धि इत्यादि की तरफ ध्यान आकर्षित करना है। इसमें बधिरों के द्वारा किए गये कार्यों की सराहना की जाती है तथा उसे प्रदर्शित किया जाता है। 


कई संगठन जैसे स्कूल, कॉलेज, अन्न्या संस्थाएँ इसके लिए लोगों में बधिर पन जुड़े जागरूकता को बढ़ाने का कार्य करता हैं। कई प्रकार के आयोजन किए जाते हैं जो की बधिर की समस्याओं इत्यादि से संबंध रखती है|


FAQ-

1. मूक बधिर का मतलब क्या होता है?

Ans- मूकबधिर का हिंदी अर्थ- जो गूँगा और बहरा हो ।

2. विश्व मूक बधिर दिवस कब मनाया जाता है?

Ans- विश्व मूक बधिर दिवस प्रत्येक वर्ष 26 सितम्बर को मनाया जाता है।

3. विश्व मूक बधिर दिवस की शुरुआत कब की गई थी?

Ans- विश्व मूक बधिर दिवस की शुरुआत 1958 को की गई थी।

4. विश्व मूक बधिर दिवस प्रत्येक वर्ष किसके द्वारा मनाया जाता है?

Ans- विश्व मूक बधिर दिवस प्रत्येक वर्ष विश्व बधिर संघ (डब्ल्यूएफडी) द्वारा मनाया जाता है।

5. विश्व बधिर दिवस क्यों मनाया जाता है?

Ans- यह बधिरो में स्वस्थ जीवन, स्वाभिमान, गरिमा के भावना को जागृत करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

6. बहरे और गूंगे लोग कौन होते हैं?

Ans- बहरे और गूंगे का अर्थ- एक बहरा व्यक्ति जो बोलने में असमर्थ हैं। 


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