पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी(Deendayal Upadhyay Biogrophy in Hindi)? |
पं. दीनदयाल उपाध्याय जी एक महान विचारक राजनेता थे और भारतीय जनसंघ पार्टी को बनाने में इनका अहम योगदान रहा था इन्होंने अपनी कॉलेज के दिनों में ही राजनीति में कदम रख लिया था और बेहद ही कम समय में इन्होंने कई उपलब्धियां हासिल भी कर लिए थे।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी(Biography of Pandit Deendayal Upadhyay):
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर सन् 1916 को उत्तर प्रदेश की पवित्र ब्रजभूमि मथुरा में नगला चंद्रभान नामक गाँव में हुआ था। इनका बचपन में एक ज्योतिषी ने इनकी जन्मकुंडली देखकर भविष्यवाणी की थी, कि आगे चलकर यह बालक एक महान विद्वान एवं विचारधारक बनेगा, एक अग्रणी राजनेता और निस्वार्थ सेवाव्रती होगा मगर ये विवाह नहीं करेगा | अपने बचपन में ही दीनदयालजी को एक गहरा आघात सहना पड़ा जब सन 1934 में बीमारी के कारण उनके भाई की मृत्यु हो गयी। उन्होंने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा वर्त्तमान राजस्थान के सीकर में प्राप्त की थी।
पं. दीनदयाल अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा पिलानी में विशेष योग्यता के साथ उत्तीर्ण की। उन्होंने अपने एक मित्र श्री बलवंत महाशब्दे की प्रेरणा से सन 1937 में वो राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ में सम्मिलित हो गए उसी वर्ष उन्होंने बी.ए. की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। इसके बाद ऍम.ए. की पढ़ाई के लिए दीनदयाल उपाध्याय आगरा आ गये।
आगरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सेवा के दौरान उनका परिचय श्री नानाजी देशमुख और श्री भाउ जुगडे से हुआ। इसी समय दीनदयालजी की बहन सुश्री रमादेवी बीमार पड़ गयीं और अपने इलाज के लिए आगरा आ गयीं । मगर दुर्भाग्यवश उनकी मृत्यु हो गयी। दीनदयाल के लिए जीवन का यह दूसरा बड़ा आघात हुआ। जिसके कारण वह अपने एम.ए. की परीक्षा नहीं दे सके।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की शिक्षा (Education of Pandit Deendayal Upadhyay):
पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने अपने जीवन की परेशानियों का असर कभी भी अपनी पढ़ाई पर पड़ने नहीं दिया और इन्होंने हर परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई जारी रखी थी। दीनदयाल अपनी मैट्रिक स्तर की शिक्षा राजस्थान राज्य से हासिल की थी और इंटरमीडिएट स्तर की शिक्षा इन्होंने राजस्थान के पिलानी में स्थित बिड़ला कॉलेज से प्राप्त की थी। इंटरमीडिएट स्तर की शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन्होंने उत्तर प्रदेश के कानुपर में स्थित सनातन धर्म कॉलेज में प्रवेश ले लिया और साल 1936 में इस कॉलेज से प्रथम स्थान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
स्नातक स्तर की पढ़ाई करने के बाद इन्होंने अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर करने के लिए आगरा के सेंट जॉन्स कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन घर की परिस्थितियों के कारण के अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी थी।
पंडीत दीनदयाल उपाध्याय योजना(Pandit Deendayal Upadhyay Scheme)
पंडीत दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण योजना (DDU-JKY) गरीब ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर मासिक मजदूरी प्रदान करने का लक्ष्य रखता है। यह ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए किया गया पहलों में से एक है। आजीविका गरीबी कम करने के लिए एक मिशन है जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) का एक हिस्सा है। इस योजना से 550 लाख से अधिक ऐसे गरीब ग्रामीण युवाओं को जो कुशल होने के लिए तैयार किया गया हैं। योजना का महत्व गरीबी कम करने की इसकी क्षमता से है। इसकी संरचना प्रधानमंत्री के अभियान 'मेक इन इंडिया' के लिए एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में की गई है।
FAQ-
1. दीन दयाल उपाध्याय क्यों प्रसिद्ध है?
Ans- रास्ट्रिय स्वयंसेवक संघ के चिंतक और संगठन कर्ता एवं एकमात्र मानववाद के प्रेरणादायक थे।
2. दीनदयाल उपाध्याय का जन्म दिवस कब मनाया जाता है?
Ans- 25 सितम्बर सन् 1916.
3. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण योजना क्या है?
Ans- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य ...
इस योजना से 550 लाख से अधिक ऐसे गरीब ग्रामीण युवाओं को जो कुशल होने के लिए तैयार हैं, स्थायी रोजगार प्रदान करने के द्वारा लाभ होगा।
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