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सदभावना दिवस 2023: सद्भावना दिवस क्यों मनाया जाता है, समारोह और प्रतिज्ञा?

सदभावना दिवस 2023: सद्भावना दिवस क्यों मनाया जाता है, समारोह और प्रतिज्ञा? 


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सदभावना दिवस 2023 (Sadbhavana Divas 2023):


सदभावना दिवस 20 अगस्त को पूरे भारत में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस दिन को राजीव गाँधी जयंत्रि के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का  जन्म हुआ था। सद्भावना का शाब्दिक अर्थ है "दूसरों के लिए अच्छी भावनाएं" और यह केवल राजीव गांधी सरकार का मिशन था। जैसा कि वह शांति और सद्भाव में विश्वास करते थे, उसी तरह राजीव की जयंती को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है, यह उनके मिशन का एक कदम हथा।


सद्भावना दिवस समारोह(Goodwill Day Celebration) 



इस दिन पर लोग पौधें लगा कर, हरियाली को संरक्षित करके, प्राकृतिक सुंदरता को बचाकर, पर्यावरण की सुरक्षा करके साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर के मनाते है। सद्भावना दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का मुख्य विषय देश के पुरुषों के बीच इन महत्वपूर्ण पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।


देशवासी महान भारतीय नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देते हैं। सभी सरकार। गणमान्य व्यक्ति, मंत्री, कांग्रेस पार्टी के सदस्य और सोनिया गांधी सहित गांधी परिवार के सदस्य, राजीव गांधी के स्मारक वीर भूमि पर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देते हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन हर साल विभिन्न क्षेत्रों में भारतीयों द्वारा हासिल की गई उत्कृष्टता को पहचानने के लिए राजीव गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार वितरित करता है। इस साल 2023 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 78 वीं जयंती होगी।


सद्भावना दिवस प्रतिज्ञा(Goodwill Day Pledge) 


“मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं जाति, क्षेत्र, धर्म और भाषा को बिना ध्यान दिये भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकात्मकता और सद्भावना के लिये कार्य करुँगा. और मैं कसम खाता हूँ कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक-दूसरे के बीच की दूरियों को अवश्य समाप्त कर दूँगा.”


सद्भावना दिवस क्यों मनाया जाता है(Why is Goodwill Day celebrated)? 


सद्भावना दिवस भारत में राजीव गांधी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह उनके विचारों को याद करने और सामाजिक सद्भावना को प्रोत्साहित करने का एक मौका होता है।


राजीव गांधी के 10 अनमोल विचार(10 priceless thoughts of Rajiv Gandhi) 


21 मई 1991 को एक आत्मघाती हमले में इनकी मृत्यु हो गई... 

मां इंदिरा की मौत के बाद राजीव देश के सातवें प्रधानमंत्री बने। 21 मई 1991 को एक आत्मघाती हमले में इनकी मृत्यु हो गई। भारत सरकार ने इन्हें 1991 में मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया। राजीव गांधी के पास देश को आगे ले जाने का विजन था। उनकी जयंती पर हम उनके 10 अनमोल वचनों से आपको रूबरू करा रहे हैं।


कुछ दिनों के लिए, लोगों को लगा की भारत हिल गया है। लेकिन उनको यह पता होना चाहिए कि जब एक महान पेड़ गिरता है तो हमेशा झटके लगते हैं।



देश की सामाजिक चेतना होती हैं...

महिलायें एक देश की सामाजिक चेतना होती हैं। वे हमारे समाज को एक साथ जोड़ कर रखती है।

 

हर व्यक्ति को इतिहास से सबक लेना चाहिए...

हर व्यक्ति को इतिहास से सबक लेना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि जहां कहीं भी आंतरिक झगड़े और देश में आपसी संघर्ष हुआ है, वह देश कमजोर हो गया है। इस कारण, बाहर से खतरा बढ़ता है। देश को ऐसी कमजोरी के कारण देश बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।


शिक्षा को हमारे समाज में बराबरी का स्थान दिया जाता है...


-शिक्षा को हमारे समाज में बराबरी का स्थान दिया जाता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो हमारे पिछले हजारों सालों के सामाजिक व्यवस्था को एक बराबर के स्तर पर ला सकता है।


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