शनिवार, 25 नवंबर 2023

Constitution Day 2023 : हर साल क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस? जानिए इस दिन का इतिहास


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Constitution Day in Hindi 2023:


26 नवंबर को हर साल देश में संविधान दिवस (Constitution Day) के रूप में मनाया जाता है। जो भारत के संविधान को अपनाने की याद दिलाता है। 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाया गया और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। 2015 में, केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने के केंद्र के फैसले को अधिसूचित किया,भारत का संविधान देश के हर नागरिक को आजाद भारत में रहने का समान अधिकार देता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना जागरूकता फैलाना है। भारत का संविधान बनाने में डॉ. बी आर अंबेडकर की अहम भूमिका रही है। तो यहां जानिए इस दिन का महत्व और इतिहास ।



संविधान दिवस क्यों मनाया जाता हैं?



भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के नाम से भी जाना जाता है।


संविधान दिवस मनाने की वजह: 


भारत के संविधान को अपनाने की याद में

संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए

संविधान में निहित आदर्शों और सिद्धांतों को अपनाने के लिए प्रेरित करना


संविधान दिवस मनाने की शुरुआत: 


सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने डॉ भीमराव अंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था।

भारत सरकार ने 19 नवंबर 2015 को एक गजट अधिसूचना द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था।


संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया था। इसे 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया था। संविधान सभा ने इसे 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों में पूरा किया था।


संविधान दिवस पर महत्व(Constitution Day Importence):


संविधान दिवस सभी भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश में ब्रिटिश शासन के अंत का प्रतीक है। 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बावजूद जब तक कि 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू नहीं हुआ, यह अगले तीन वर्षों तक ब्रिटिश डोमिनियन बना रहा। यह दिन भारतीय संविधान के महत्व पर जोर देता है और यह बताता है कि देश के नागरिकों के लिए संविधान क्यों आवश्यक है।



26 नवंबर का इतिहास: 


26 नवंबर साल 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ और संविधान सभा ने इसे अपनाया। इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मकसद जनता में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना बढ़ाना है।


26 नवंबर, 1885 को पहली बार उल्कापिंड की तस्वीर ली गई थी।


26 नवंबर, 1921 को देश के श्वेत क्रांति के जनक माने जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्म हुआ था।


26 नवंबर, 1932 को महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10 हज़ार रन पूरे किए थे।


26 नवंबर, 1789 को जॉर्ज वॉशिंगटन ने पहली बार राष्ट्रीय धन्यवाद दिवस के रूप में नामित किया था।


26 नवंबर, 2015 को पहली बार भारत सरकार की ओर से संविधान दिवस मनाया गया।



26 नवंबर को जुड़ी कुछ और घटनाएं: 



1992 में विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाने की शुरुआत हुई।


2008 में मुंबई में सिलसिलेवार आतंकवादी हमलों में 166 लोग मारे गए थे।


2012 में अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के नाम से नई राजनीतिक पार्टी बनाई थी।



FAQ-

Q: भारत के संविधान के जनक कौन है?

Ans: डॉ. भीम राव अंबेडकर भारतीय संविधान के जनक हैं।

Q: संविधान दिवस का गठन कब हुआ था?

Ans: यह गणराज्‍य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्‍बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।

Q: भारत में कितने अनुच्छेद हैं?

Ans: जब हमारे संविधान की रचना हुई थी तब इसमें 395 अनुच्छेद या धाराएं थीं।

Q: संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?

Ans: संविधान दिन का मकसद देश के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाना है।



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