मंगलवार, 26 सितंबर 2023

महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटे (9 जनवरी 1915), प्रवासी भारतीय दिवस...


महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटे (9 जनवरी 1915), महात्मा गॉंधी जीवनी, प्रवासी भारतीय दिवस, दक्षिण अफ्रीका यात्रा, कब, क्यों, (Mahatma Gandhi's visit to South Africa, Mahatma Gandhi Biography in Hindi, Pravasi Bharatiya Divas, visit to South Africa, Kab aur kyu)। 


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महात्मा गॉंधी जीवनी (Mahatma Gandhi Biography in Hindi):


महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें आमतौर पर "महात्मा गांधी" के नाम से जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और धर्मनिरपेक्ष दर्शन के प्रवर्तकों में से एक थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात, भारत में हुआ था, और उनकी मृत्यु 30 जनवरी 1948 को न्यू दिल्ली में हुई।


महात्मा गांधी ने अपने जीवन में असहमति के बावजूद अहिंसा (गैर-हिंसा) का महत्व बताया और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को गैर-हिंसा के माध्यमों से आगे बढ़ाया। उनका एक महत्वपूर्ण नारा था "सत्याग्रह" जिसका अर्थ था "सत्य का आंदोलन" और इसका उद्देश्य असत्य के खिलाफ आवाज उठाना था।


महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नेतृत्व किया और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अनशन, सत्याग्रह, और विभाजन के बिना स्वतंत्रता प्राप्त की। उन्होंने खादी (अदरकी) की कड़ी प्रमोट की, जिसे उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की पहचान बनाया।


महात्मा गांधी को "बापू" के रूप में सम्मानित किया जाता है और उनके विचार और आदर्श आज भी दुनिया भर में महत्वपूर्ण हैं। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अविस्मरणीय है और उन्होंने अपने जीवन में विश्वास के साथ गैर-हिंसा के माध्यमों से प्राप्त किया।


महात्मा गांधी का दक्षिण अफ्रीका यात्रा(Mahatma Gandhi's visit to South Africa):


महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका यात्रा 1893 से 1914 तक की गई थी और यह उनके जीवन के महत्वपूर्ण चरण में से एक था। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य वकालत का काम करना था, लेकिन इसका परिणाम था कि गांधीजी ने अपार्ठेड (रंग विभाजन) और भारतीय समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संकल्प बना लिया।


गांधीजी की दक्षिण अफ्रीका यात्रा 1893 में नेतृत्व किए गए भारतीय कानूनविद्या समुदाय के प्रतिष्ठित वकील फिर्म "इंडियन मोहम्मदन क्लर्क्स स्काउट सभा" के एक सदस्य के रूप में आरंभ हुई। उन्होंने यहां अपार्ठेड के खिलाफ आवाज उठाने का महत्वपूर्ण कदम उठाया और वकालत के दौरान भारतीय समुदाय के अधिकारों की रक्षा की।


गांधीजी ने इस यात्रा के दौरान सत्याग्रह का प्रयोग किया, जो बाद में उनके जीवन में महत्वपूर्ण हो गया। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अधिकारों के लिए लड़ते हुए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कई सत्याग्रह का आयोजन किया और अपार्ठेड के खिलाफ भारतीय समुदाय को एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित किया।


इस यात्रा के दौरान महात्मा गांधी ने अपने धार्मिक और सामाजिक मूल्यों के प्रति अपना निष्ठा स्थापित किया और गैर-हिंसा और सत्य के माध्यमों से समस्याओं का समाधान ढूँढने का मार्ग प्रस्तुत किया। यह यात्रा उनके जीवन के बाद के स्वतंत्रता संग्राम के लिए महत्वपूर्ण गतिविधियों की शुरुआत थी और उनके विचारों को महात्मा गांधी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है क्योंकि यही उस दिन है जब महात्मा गांधी भारत वापस लौटे थे, और इसे "प्रवासी भारतीय दिवस" के रूप में याद किया जाता है। इस दिन कई स्थानों पर समारोह और आयोजन होते हैं, जिनमें भारतीय अपने देश के अग्रणी भूमिका में महत्वपूर्ण योगदान को सम्मानित करते हैं।


प्रवासी भारतीय दिवस(Pravasi Bharatiya Divas): 


"प्रवासी भारतीय दिवस" (Pravasi Bharatiya Divas) एक महत्वपूर्ण भारतीय उत्सव है जो हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन भारत सरकार प्रवासी भारतीयों को सम्मानित करती है और उनके योगदान को प्रशंसा करती है, जो विदेशों में रहकर भारत के लिए गर्वशील बज़े बज़ाए हैं।


प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन भारत में होता है और इसमें भारतीय अच्छूत, भारतीय अल्पसंख्यक, और भारतीय नृवासी समुदायों के प्रति सरकार का समर्थन और सम्मान दिखाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे की मुख्य उद्देश्य में से एक है भारत के प्रवासी भारतीयों के बीच एकात्मता और जुड़ाव को मजबूत करना।


प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर, भारत में कई कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिनमें विदेशों में सफल भारतीय नृवासी समुदायों के सदस्यों को सम्मानित किया जाता है। इस दिवस के मौके पर भारत सरकार द्वारा अद्वितीय पुरस्कार भी दिए जाते हैं, जिनमें "प्रवासी भारतीय सम्मान" भी शामिल है, जिससे प्रमुख प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया जाता है।


प्रवासी भारतीय दिवस भारत के और विशेष रूप से उसके प्रवासी भारतीयों के लिए गर्व का प्रतीक है और इसका मुख्य उद्देश्य विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदायों को उनके मूल देश से जोड़ना और उनके योगदान को प्रमोट करना है।


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