शनिवार, 2 सितंबर 2023

स्वामी विवेकानंद पर निबंध व अनमोल विचार 2023 | Swami Vivekananda Essay in Hindi?

 स्वामी विवेकानंद पर निबंध व अनमोल विचार 2023 | Swami Vivekananda Essay in Hindi? 


स्वामी विवेकानंद को एक महान भारतीय हिन्दू संत एवं वक्ता के रूप में भारत एवं विदेशो में पहचान मिली है। उन्होंने (Swami Vivekananda) अपने सन्देश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए रामकृष्ण मिशन की भी स्थापना की थी। वे अपने विचारों से भारत के नौजवान को जगाने की इच्छा रखते थे किन्तु कम आयु में निधन हो जाने के कारण वे थोड़ा ही प्रयास कर सके। परन्तु उनके जीवन काल में स्थापित किये गए मठ आज भी साहित्य के माध्यम से उनके विचारों को आज की पीढ़ी के पास पहुँचाने का कार्य कर रहे है। इस लेख में आपको स्वामी विवेकानंद के जीवन का वर्णन करने वाले निबन्ध मिल रहे है।



स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय(Swami Vivekananda Biography) 



भारत अनेक संतों, विद्वानों एवं दार्शनिकों का साक्षी(गवाह) रहा है। स्वामी विवेकानंद स्वयं एक महान संत, विद्वान् और दार्शनिक थे। स्वामी विवेकानंद का जन्म कलकत्ता (कोलकाता) में शिमला पल्लै में 12 जनवरी 1863 को हुआ था। उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था जोकि कलकत्ता (कोलकाता) उच्च न्यायालय में वकालत का कार्य करते थे और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। स्वामी विवेकानंद श्री रामकृष्ण परमहंस के मुख्य अनुयायियों में से एक थे। इनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। वह भारतीय मूल के व्यक्ति थे, जिन्होंने वेदांत के हिन्दू दर्शन और योग को यूरोप व अमेरिका में परिचित कराया। उन्होंने आधुनिक भारत में हिन्दू धर्म को पुनर्जीवित किया। उनके प्रेरणादायक भाषणों का अभी भी देश के युवाओं द्वारा अनुसरण किया जाता है। उन्होंने 1893 में शिकागो की विश्व धर्म महासभा में हिन्दू धर्म को परिचित कराया था।


स्वामी विवेकानंद अपने पिता के तर्कपूर्ण मस्तिष्क और माता के धार्मिक स्वभाव से प्रभावित थे। उन्होंने अपनी माता से आत्मनियंत्रण सीखा और बाद में ध्यान में विशेषज्ञ बन गए। उनका आत्म नियंत्रण वास्तव में आश्चर्यजनक था, जिसका प्रयोग करके वह आसानी से समाधी की स्थिति में प्रवेश कर सकते थे। उन्होंने युवा अवस्था में ही उल्लेखनीय नेतृत्व की गुणवत्ता का विकास किया। वह युवा अवस्था में ब्रह्मसमाज से परिचित होने के बाद श्री रामकृष्ण के सम्पर्क में आए। वह अपने साधु-भाईयों के साथ बोरानगर मठ में रहने लगे। अपने बाद के जीवन में, उन्होंने भारत भ्रमण का निर्णय लिया और जगह-जगह घूमना शुरु कर दिया और त्रिरुवंतपुरम् पहुँच गए, जहाँ उन्होंने शिकागो धर्म सम्मेलन में भाग लेने का निर्णय किया। कई स्थानों पर अपने प्रभावी भाषणों और व्याख्यानों को देने के बाद वह पूरे विश्व में लोकप्रिय हो गए। उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1902 को हुई थी ऐसा माना जाता है कि वह ध्यान करने के लिए अपने कक्ष में गए और ध्यान के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई।



स्वामी विवेकानंद पर अनमोल विचार(Swami Vivekananda precious thoughts) 



स्वामी विवेकानंद के विचार अधिक प्रेरणादायक है। वह बहुत धार्मिक व्यक्ति थे क्यूंकि हिन्दू शास्त्रों (जैसे - वेद, रामायण, भगवत गीता, महाभारत, उपनिषद, पुराण आदि) में रुचि रखते थे। वह भारतीय शास्त्रीय संगीत, खेल, शारीरिक व्यायाम और अन्य क्रियाओं में भी रुचि रखते थे। उन्होंने राष्ट्रवादी विचारों के माध्यम से कई भारतीय नेताओं का ध्यान आकर्षित किया। भारत की आध्यात्मिक जागृति के लिए श्री अरबिंद ने उनकी प्रशंसा की थी। महान हिंदू सुधारक के रुप में, जिन्होंने हिंदू धर्म को बढ़ावा दिया, महात्मा गाँधी ने भी उनकी प्रशंसा की। उनके विचारों ने लोगों को हिंदु धर्म का सही अर्थ समझाने का कार्य किया और वेदांतों और हिंदु अध्यात्म के प्रति पाश्चात्य जगत के नजरिये को भी बदला था। उनके इन्हीं कार्यों के लिए चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (वह स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल थे) ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने हिन्दू धर्म तथा भारत को बचाया था। उनके प्रभावी लेखन ने बहुत से भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ताओं जैसे - नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, अरविंद घोष, बाघा जतिन, आदि को प्रेरित किया।



स्वामी विवेकानंद जी ने विश्व को भारतीय संस्कृति और परंपरा का सम्मान करना सिखलाया। वे एक महान संत, दार्शनिक और सच्चे देशभक्त थे। स्वामी विवेकानंद जी एक ऐसे व्यक्ति थे, जो अपने जीवन के बाद भी लोगो को निरंतर प्रेरित करने का कार्य करते हैं तथा जिनके जीवन से हम सदैव कुछ ना कुछ सीख सकते हैं। उनका जन्म-दिवस 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है।



FAQ-

1. स्वामी विवेकानंद ने कौन सा नारा दिया था? 

Ans- उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए। 

2. स्वामी विवेकानंद किसका ध्यान करते थे?

Ans- स्वामी विवेकानंद अपने गुरु को ध्यान (रामकृष्ण परमहंस) कहते थे। 

3. स्वामी विवेकानंद रात में कितने घंटे सोते थे?

Ans- स्वामी विवेकानंद कितने घंटे सोते थे? कहा जाता है की, स्वामी विवेकानंद दिन में लगभग 2 घंटा ही सोते थे व प्रत्येक चार घंटे के बाद 15 मिंट की झपकी लिया करते थे।

4. स्वामी विवेकानंद के मित्र कौन थे?

Ans- खेतड़ी के राजा अजीत सिंह व स्वामी विवेकानंद मित्र थे। 



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