मंगलवार, 8 अगस्त 2023

मेजर ध्यानचंद जयंति: राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है(Major Dhyan Chand Jayanti: Why Is National Sports Day Celebrated)?

 

मेजर ध्यानचंद जयंति: राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है(Major Dhyan Chand Jayanti: Why Is National Sports Day Celebrated)? 






Rashtriya Khel Divas 2023: महान भारतीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद्र जी की जयंती पर उन्हें याद करते हुए प्रति वर्ष 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) मनाया जाता है। उनकी कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में लगातार तीन बार स्वर्ण पदक जीता था।


ध्यान सिंह का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (प्रयागराज) जिले में हुआ था। उन्होंने अपने खेल का जलवा कुछ इस तरह बिखेरा कि लोग उन्हें ‘हॉकी का जादूगर‘ कहने लगे। आइए आज Major Dhyan Chand Jayanti के मौके पर उनके जीवन पर प्रकाश डालने का प्रयास करेंगे। 



राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है(Why Is National Sports Day Celebrated) 



मेजर ध्यानचंद, हॉकी के इतने बेहतरीन खिलाड़ी थे कि अगर गेंद एक बार उनकी स्टिक में चिपक जाये तो गोल करने के बाद ही हटती थी. यही कारण था कि एक बार खेल को बीच में रोककर उनकी स्टिक तोड़ कर देखा गया कि कहीं उनकी स्टिक में चुम्बक या कोई और चीज तो नही लगी है जो कि बॉल को चिपका लेती है. यही कारण है कि उनको हॉकी का जादूगर कहा जाता है.



मेजर ध्यानचंद, तीन बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे हैं; जिनमें 1928 का एम्सटर्डम ओलम्पिक, 1932 का लॉस एंजेल्स ओलम्पिक एवं 1936 का बर्लिन ओलम्पिक शामिल है. सन 1936 के बर्लिन ओलपिक खेलों में ध्यानचंद को भारतीय टीम का कप्तान चुना गया था.


उन्होंने 1926 से 1948 तक अपने करियर में 400 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल किए थे जबकि पूरे करियर में 1000 के लगभग गोल किये थे. इतना ही नहीं जब ध्यान चंद हॉकी से रिटायर्ड हो गये थे। 


भारत सरकार ने इन महान खिलाड़ी को सम्मानित करते हुए 2012 से 29 अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था। भारत सरकार द्वारा ध्यान चंद्र सिंह जी को सन् 1956 में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया हैं, जो कि हमारे देश का तीसरा सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड हैं। 


राष्ट्रीय खेल दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े तौर पर मनाया जाता हैं. इसका आयोजन प्रति वर्ष राष्ट्रपति भवन में किया जाता हैं और देश के राष्ट्रपति; देश के उन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार देते हैं, जिन्होंने अपने खेल के उत्तम प्रदर्शन द्वारा पूरे विश्व में तिरंगे झंडे का मान बढ़ाया होता है.


नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड के अंतर्गत अर्जुन अवार्ड, राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड और द्रोणाचार्य अवार्ड, जैसे कई पुरस्कार देकर खिलाडियों को सम्मानित किया जाता हैं. इन सभी सम्मानों के साथ “ध्यानचंद अवार्ड” भी इसी दिन दिया जाता हैं.


29 अगस्त सन 1979 में मेजर ध्यानचंद की मृत्यु के बाद भारतीय डाक विभाग ने उनके सम्मान में स्टाम्प भी जारी किये थे. दिल्ली के राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम भी बदल कर, उनके नाम पर रखा गया, और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी.




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