रविवार, 20 अगस्त 2023

शिक्षक दिवस 2023( Happy Teachers Day): शिक्षक दिवस पर भाषण, शायरी और दोहा?

 

शिक्षक दिवस 2023( Happy Teachers Day): शिक्षक दिवस पर भाषण, शायरी और दोहा? 

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शिक्षक दिवस मतलब शिक्षकों का दिन, यही वह दिन है जब हर जगह विध्यार्थी अपने गुरु के प्रति आदर प्रकट करता है उसे वह सम्मान देता है जिसका वह हकदार है, वैसे देखा जाए तो शिक्षक आदर सम्मान प्राप्त करने के लिए किसी दिन का मोहताज नहीं है। परंतु एक विशेष दिन होने से वह उस दिन कुछ विशेष सम्मान पाता है और विद्यार्थीयों को भी अपने गुरु की महिमा का पता चलता है। 



अगर शिक्षक ना हो तो हमें ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है क्योंकि “बिना गुरु ज्ञान ना होए” इस बात को कबीरदास के द्वारा कहा गया है। 


जीवन के हर एक पड़ाव पर शिक्षक की आवश्यकता होती है। शिक्षक का स्थान बहुत ऊंचा होता है और शिक्षक को सम्मानित करने के लिए ही प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 


शिक्षक दिवस 2023( Happy Teachers Day) :


शिक्षक दिवस 5 सितंबर को देश के पूर्व उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.


उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति बनने से पहले डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन 40 वर्षों तक शिक्षक के तौर पर काम करते रहे और हमेशा छात्रों की भलाई के लिए रात-दिन कार्य किया करते थे। 


शिक्षक दिवस के दिन स्कूलों में छात्रों के द्वारा सजावट की जाती है और उसके बाद सभी छात्र मिलकर शिक्षक को कुछ उपहार देते हैं। इसके अलावा इस दिन स्कूलों में अनेकों प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है जिसमें छात्र बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। 


जैसा कि आप जानते हैं कि किसी भी देश का भविष्य उस देश का युवा होता हैऔर ऐसे में देश के भविष्य का निर्माण करने की जिम्मेदारी शिक्षक के ऊपर होती है क्योंकि अगर किसी देश का युवा भ्रमित हो जाए तो उस देश का भविष्य भी अंधकार में हमेशा के लिए हो जाएगा। 


प्राचीन काल में छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल जाया करते थे जहां पर उन्हें शिक्षक के द्वारा शिक्षा दी जाती थी और जब उनकी शिक्षा पूरी होती थी तब गुरु उनसे गुरु दक्षिणा लिया करते थे। 


छात्र के जीवन में शिक्षक का एक अहम भूमिका है। शिक्षक छात्र को इस बात का ज्ञान देता है कि उन्हें अपने जीवन में कैसे कामों से बचना चाहिए ताकि उनका भविष्य उज्जवल और सुरक्षित बन सके। 


हम सभी को आज्ञाकारी छात्र के तौर पर साल में एक बार अपने शिक्षकों का अभिनंदन दिल से करना चाहिए. जिस प्रकार एक कुहार् मिट्टी के बर्तन को सही आकार देता है, ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक छात्र के भविष्य को गढ़ने का काम करता है। शिक्षक का सम्मान करना और उसके दिखाए गए रास्ते पर चलना हम सब का परम कर्तव्य है। 


शिक्षक दिवस पर भाषण (teacher's day speech):


आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय समस्त सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रों और भाई-बहनों मैं आप सभी का इस शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर स्वागत करता हूं और साथ में हार्दिक अभिनंदन करता हूं.


जैसा कि आपको पता है यह समारोह भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, द्वितीय राष्ट्रपति, प्रख्यात शिक्षाविद और इस देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 


डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुतनी गांव में हुआ था। बचपन से ही डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन विलक्षण प्रतिभा के धनी थे बचपन में ही इन्होंने बाइबल के प्रमुख श्लोक को याद कर लिया था। 


एइसी कारण इन्हें सम्मानित भी किया गया था मैं सभी को हमारे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए हर्ष का अनुभव कर रहा हूं कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने जीवन के 40 साल में शिक्षक के तौर पर कार्य किया।उन्होंने देश और समाज के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई जिसके कारण दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में माने जाते है। 


डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि इंसान का विकास शिक्षा के माध्यम से ही हो सकता है ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के पास शिक्षा नहीं है तो वह निर्जीव वस्तु के समान है। उनके इसी विचारधारा के कारण उनके जन्मदिन को भारत में शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 


उनका मानना यह था कि हमारे माता पिता हमें जन्म देते हैं और हमारा लालन पोषण अपनी सामर्थ्य के अनुसार करते हैं लेकिन शिक्षक अपने ज्ञान रूपी प्रकाश के द्वारा हमारे अंधकार जीवन को प्रकाशित करता है। जिस तरह हम जीवित रहने के लिए भोजन का सेवन करते हैं ठीक उसी प्रकार अगर आपको अपने जीवन में सफल और एक अच्छा नागरिक बनना है तो आपको शिक्षा ग्रहण करना होगा और शिक्षा की प्राप्ति बिना गुरु के संभव नहीं है इसलिए जीवन में शिक्षक का होना अति आवश्यक हैं। 


जिस प्रकार एक शिल्पकार बेकार पत्थरों को अपनी निष्ठा और मेहनत के द्वारा उसे हथौड़ी के द्वारा पीटकर का एक सुंदर मूर्ति का आकार देता है। ठीक इसी प्रकार शिक्षक एक छात्र के अंदर व्याप्त बुराइयों को दूर करके उसे एक अच्छा इंसान बनाता है। 


अगर आप अपने विद्यार्थी जीवन में किसी प्रकार की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान है अगर आप एक छात्र हैं तो अपने परेशानी को अपने शिक्षक के साथ जरूर साझा करें इससे आपको शिक्षक उचित राय देगा कि आपको क्या करना चाहिए ताकि आप किसी प्रकार की गलती करने से बच सकें। 


शिक्षक हमें जब किसी की बात पर डांटा या रोका करें तो आप कभी भी अपने शिक्षक की बातों का बुरा ना माने क्योंकि शिक्षक आपके भविष्य के लिए ही आपको डांटता है या किसी बात के लिए रोकता है क्योंकि उसके अंदर ही उसका प्यार आपके लिए छिपा है इसलिए शिक्षक की बातों का बुरा ना माने। 


आज हम सभी शिक्षक के इस अमूल्य योगदान के हृदय से धन्यवाद देते हैं और उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा करते है. और हम उन से निवेदन करेंगे कि वह इसी तरह हमारा मार्गदर्शन करें ताकि कभी भी हम रास्ता ना भटके और हमारा लक्ष्य निर्धारित हो। 


हमारे समाज को अच्छा बनाने और सुधारने में शिक्षक की बहुत बड़ी भूमिका होती है इस दिन हम सभी लोग अपने स्कूल और कॉलेज में अपने शिक्षक को सम्मानित करने के लिए उपहार देते हैं इसके अलावा शिक्षक दिवस से संबंधित कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाटक भी आयोजित किए जाते हैं. जिसमें छात्र-छात्राएं दोनों भाग लेती हैं. अंत में अपना भाषण कविता के माध्यम से समाप्त करना चाहता/चाहती हूं। 


शिक्षक दिवस पर शायरी (SHAYARI ON TEACHERS DAY IN HINDI)


शिक्षक दिवस अनमोल वचन

शिक्षक में दो गुण निहित होते हैं. 

एक जो आपको डरा कर नियमों में बाँधकर एक सटीक इंसान बनाते हैं और दूसरा जो आपको खुले आसमा में छोड़ कर आपको मार्ग के रास्ते को समझता है। 


आज के प्रतिस्पर्धा के समय में आपका विरोधी ही आपका सबसे अच्छा शिक्षक हैं.


जो असफल होकर निचे गिरते हैं वास्तव में वही शिक्षित होते हैं क्यूंकि जब वे वापस अपना नया रास्ता बनाते हैं उन्हें आतंरिक भय नहीं सताता.


किसी शिष्य को उसके वास्तविक गुणों एवम अवगुणों से उसका परिचय करवाना ही एक सच्चे शिक्षक का परिचय हैं.


हर किसी की सफलता की नींव में एक शिक्षक की भूमिका अवश्य होती हैं. बिना प्रेरणा के किसी भी ऊँचाई तक पहुंचना असम्भव हैं.


हम अपने जीवन के लिए माता पिता के ऋणी होते हैं लेकिन एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए हम एक शिक्षक के ऋणी होते हैं.


वक्त का हर एक लम्हा शिक्षा देता हैं वास्तव में समय एवम अनुभव ही हमारे प्राकृतिक शिक्षक हैं.


एक सफल शिक्षक वही हैं जिसमे सहनशीलता एवम सकारात्मकता होती हैं.



माँ ही जीवन की वास्तविक शिक्षिका होती हैं क्यूंकि वही हमें करुण एवम आदर का भाव देती हैं. यही भाव सीखने की कला विकसित करते हैं.


शिक्षक स्वयम कभी बुलंदियों पर नहीं पहुँचते लेकिन बुलंदियों पर पहुँचने वालो को शिक्षक ही निर्मित करते हैं.


किसी महान देश को महान बनाने के लिए माता पिता एवम शिक्षक ही ज़िम्मेदार होते हैं। 


शिक्षक दिवस पर दोहे :

गुरु कि महिमा का बखान हमारे महाकवियों ने भी किया है गुरु पर आधारित कुछ प्रचलित दोहे और उनके अर्थ इस प्रकार से है। 


पिता जन्म देता महज, कच्ची माटी होय|

गुरुजनों के शिल्प से, मिट्टी मूरत होय ||


पिता जन्म देता महज, कच्ची माटी होय|

गुरुजनों के शिल्प से, मिट्टी मूरत होय ||


गुरु बिन ज्ञान न होत है, गुरु बिन दिशा अजान,

गुरु बिन इन्द्रिय न सधें, गुरु बिन बढ़े न शान।


शिष्य वही जो सीख ले, गुरु का ज्ञान अगाध,

भक्तिभाव मन में रखे, चलता चले अबाध।


शिष्य वही जो सीख ले, गुरु का ज्ञान अगाध,

भक्तिभाव मन में रखे, चलता चले अबाध।


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FAQ-

Q: वर्ल्ड टीचर डे (शिक्षक दिवस) कब मनाया जाता हैं ?

Ans: वर्ल्ड टीचर्स डे 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, इसी दिन दुनिया के 21 देश इसे बड़ी धूमधाम से मनाते है? 

Q: अन्य देशों में टीचर्स डे कब मनाया जाता हैं ?

Ans: 28 फ़रवरी को दुनिया के 11 देश टीचर्स डे मनाते है.

-Q: भारत में शिक्षक दिवस कब मनाया जाता हैं ?

Ans: प्रतिवर्ष 5 सितम्बर

Q:  भारत में पहली बार शिक्षक दिवस कब मनाया गया था ?

Ans– 1962

Q: रत में शिक्षक दिवस की स्थापना किसने की थी ?

Ans– कांग्रेस पार्टी

Q: भारत में 5 सितम्बर को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता हैं ?

Ans: – वैसे भारत में गुरु का बहुत महत्व हैं जिसके लिए गुरु पूर्णिमा मानी जाता हैं लेकिन 1962 में देश के पूर्व राष्ट्रपति जो कि एक महान शिक्षक थे उन्हें सम्मानित करते हुये उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में शुरू किया गया इसलिए इस दिन भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता हैं। 



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